मासूम बच्चों को अश्रुपुरित विनम्र श्रद्धाँजलि
बच्चे जिन्हे अभी और पढ्ना था
लेनी थी अच्छी तहजीब और तालिम पाकिस्तान के दामन से
धो देना था पुराने खुनी धब्बे
उन सारे पाक इरादों को
नेस्तनाबूद कर दिया दहशतगर्दों नें
महजब के नाम पर
हिंसा ,नफरत,
में चरम तक पहुंच
कौन है ये क्रोधित लोग
जिन्हें मासूमों की मासूमियत
पर जरा भी दया नही आई
गोलियॉ चलाते हुए
सख्त हाथ तनिक भी कांपे नहीं
मां की दुआ और खुदा की इबादत
भी ना जाने क्यों काम नही आई
बहुत सारे सवाल अभी उठ रहे होंगे
उन बच्चों के गमजदा आंखों मे
बच आए हैं जो उ्स खौफनाक हादसे से
लेकिन अभी विलाप का समय नही
आत्मंथन का वक्त है
कि बच्चे भी प्रतिरक्षा में कहीं
प्रतिहिंसा करना सिख ना लें——-!!
**भावना सिन्हा**