गीतिका/ग़ज़ल डाॅ. ऐनुल बरौलवी 05/09/202305/09/2023 ग़ज़ल ज़िन्दगी है बहुत मुख़्तसर भाइयों सर झुकाओ चलो रब के दर भाइयों ये है दुनिया क़यामत में मिट Read More