गीतिका/ग़ज़ल आकाश राठोड़ 01/11/201701/11/2017 गज़ल मैंने नामुनकिन चिज़ों को मुनकिन हैं कह दिया यकीन ना था मुझे मगर मैंने यकीन है कह दिया पुनम का Read More
गीतिका/ग़ज़ल आकाश राठोड़ 30/10/2017 गज़ल मेरी जिंदगी की भी एक अजीब सी दास्ताँ रही जैसे किसी बच्चे की खिलौने में अटकी जाँ रही जमी जायदाद Read More
गीतिका/ग़ज़ल आकाश राठोड़ 30/10/2017 गज़ल हसीन रातों से भरा हुआ तूम्हे मंजर दिखाऊंगा फुर्सत मिले तो आना मैं अपना घर दिखाऊंगा बहारों मे सुख जाया Read More
मुक्तक/दोहा आकाश राठोड़ 23/10/201724/10/2017 मुक्तक सुबहा जब तेरा नाम लिया तो खुदा रुठ गया ऐसा लगा आईने की चोट से पत्थर टुट गया प्यार मुझसे Read More
गीत/नवगीत आकाश राठोड़ 22/10/201724/10/2017 गीत तेरी यादों मे मै तो यू पागल हुआ रे तुमने आशिक मुझे पागल किया रे तेरी यादों में………. मेरी ये Read More
मुक्तक/दोहा आकाश राठोड़ 22/10/201724/10/2017 मुक्तक सुबह की तरह निकल कर हमें शाम की तरह ढल जाना चाहिए कोशिश करें कोई हमें बदलने की तो बेशक Read More
क्षणिका आकाश राठोड़ 18/10/201719/10/2017 दिवाली इस दिवाली जलाना तो मिट्टी के दिये जलाना शायद किसी गरीब की झोपड़ी में अंधेरा ना रहे — आकाश राठोड Read More
गीतिका/ग़ज़ल आकाश राठोड़ 16/10/2017 ग़ज़ल चलो आज एक दुजे पर थोड़ी थोड़ी सी इनायत कर लेते हैं तुम हम से हम तुम से कुछ शब Read More
गीतिका/ग़ज़ल आकाश राठोड़ 16/10/2017 ग़ज़ल जिंदगी देने से अच्छा मौत की सज़ा सुना देता उजाले के बदले हम सबको अंधेरा घना देता देखते हैं लोग Read More