कविता : ज़िंदगी
एक उड़ते पंछी की तरहा तन्हा पानी की लहरों जैसी हलचल वाली बहती हवा जैसी मस्त तूफानो जैसी हिम्मत वाली
Read Moreएक उड़ते पंछी की तरहा तन्हा पानी की लहरों जैसी हलचल वाली बहती हवा जैसी मस्त तूफानो जैसी हिम्मत वाली
Read Moreएक आॅटो टूटा फूटा सा जो जोर से आवाज करता है ना कोई तेजी न कोई ताकत है रोज हजार
Read Moreरंगो भरी खुशियाँ बिखेरने आई ये होली सब में प्यार बाँटने आई ये होली मगर रंगो में कुछ फीका है
Read Moreएक अजनबी देश में था मैं तो सोचा क्या जगह है ये लोग अलग हैं भाषा अलग है बोली अलग
Read Moreयादों में डूबा कभी सोचता हूँ कि वो पल क्या थे सच के ईनाम थे या झूठ के पैगाम थे
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