दोहा मुक्तक
टूटी-फूटी जिन्दगी, अपनी है जादाद। मालिक ने हमसे किया, कभी नहीं संवाद।। मार रहे धनवान हैं, निर्धन को अब लात।
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Read Moreघाघरा नदी की गोद में एक नदी बहती है जिसे तमसा नदी के नाम से जाना जाता है। इस नदी
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Read Moreदोहा-मुक्तक मूरख जनता है नहीं, अब वो है चालाक, नेता जी की नियत को, वो लेती है झाँक।। जाकर के
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