जिन्दगी
जिन्दगी बहुत कठिन हैं रोटी बनाने जितनी। — अमन चाँदपुरी
Read Moreमैनें सिर्फ तुम्हें चाहा क्या तुमने कभी? मुझे चाहा। — अमन चाँदपुरी
Read More(6) धूप का इंतजार तुम्हें धूप दिखे तो बता देना उसे मेरे घर का पता कहना, बहुत से नहाये हुये
Read Moreअमन चाँदपुरी के तीन हाइकु 1. वृक्ष की छाँव न मिले शहर में गर्मी में गाँव। 2. बहती हवा बहका
Read More‘Aman Chandpuri’ की कविता ‘सलोने स्वप्न’ सभी सलोने स्वप्न मेरे टूटकर बिखर गये। आँसू बनकर आँखों से होले-होले झर गये।
Read More(1) मन की पीड़ा आओं हम-तुम चले तन की सारी पीडाएँ छोड़ मन की पीड़ा का ज़बाब ढूढने तन की
Read More