आसन
आसन प्राणायाम से, देह रहे यह स्वस्थ। चंचल चितवन शांत हो, आत्मा बने तटस्थ।। आत्मा बने तटस्थ, मोह माया को
Read Moreमन में ज्वाला सी दहक उठे, औ अग्नि नयन से बरसे अरिदल जो देखे आँख उठा, निज प्राणों को फिर
Read Moreषड़यंत्रों के चक्रवात में लाँघ गई सीता रेखा छुपे महात्मा की भूषा में पाखंडी हमने देखा विपदा की इस विकट
Read Moreज्ञानी उसको मानिए, समरुप करे प्रकाश जैसे चंदन वृक्ष से, चहुँ दिग फैले वास जग में नर वह बाँटता, जो
Read Moreसिंधु गंगा संग यमुना धार पय रस की बहेगी ध्वज तिरंगा हाथ लेकर इक हवा फिर से चलेगी पुत्र भारत
Read Moreधड़ाम….. जोर का धमाका हुआ और फिर सब शांत। जिव्हा सहित गर्भवती हस्तिनी का संपूर्ण जबड़ा बम के धमाके के
Read Moreटिड्डी- हरा रंग का एक कीड़ा। मासूम सा दिखने वाला एक कीड़ा। मैं प्रकृति प्रेमी हूँ अतः मुझे हर प्राकृतिक
Read More‘और कितना दूर है बाबा!’ नन्हें ने कंधे पर बैठे-बैठे ही पूछा। बस! और नौ किलोमीटर बेटा!! मंगलू ने हाँफते
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