कविता अनिल पटेल 05/08/202028/08/2020 माँ जब मैं चलता हूं हर बद्दुआ बेअसर होती है मां तो नहीं होती लेकिन दुआ साथ होती है मां मेरे Read More
कविता अनिल पटेल 23/07/202031/07/2020 संघर्ष जिन्दगी की राहों में कुछ सफर अधूरे होते है कुछ ख्याहिशे तो कुछ सपने अधूरे होते है तेज दौड़ती दुनिया Read More
कविता अनिल पटेल 23/07/2020 जिन्दगी जिन्दगी तू ही बता क्या लिखूं तुझे खुशहाल लिखूं या लिखूं परेशान आजाद परिंदा लिखूं या लिखूं तेरा गुलाम हस्ते Read More
कविता अनिल पटेल 23/07/2020 नारी का सम्मान चुप है क्योंकि वो अपने सम्मान पे मरती है सपने है उसके लेकिन समाज से डरती है सब कुछ करना Read More