कविता अर्चना लखोटिया 22/02/2022 बेटी सावन में डाली का झूला है बेटी। उपवन में खिलता गुलाब है बेटी। उगते हुए सूर्य की लाली है बेटी। Read More
कविता अर्चना लखोटिया 22/02/2022 नारी महिमा चाँद की तरह शीतल है नारी। सूर्य की तरह तेजस्वी है नारी।। धरती की तरह धैर्यवान है नारी। सागर की Read More
कविता अर्चना लखोटिया 22/02/2022 गृहणी बहुत कड़वा है यह अनुभव, सोच और सच्चाई का। दोष किसका है यहां पर, केवल अपने आप का। सब को Read More