अपना ख्याल रखना
जालिम है जमाना अपना ख्याल रखना लबों पे मुस्कुराहट लहू में उबाल रखना क्या भरोसा इस कदर बदलते मौसम का
Read Moreजालिम है जमाना अपना ख्याल रखना लबों पे मुस्कुराहट लहू में उबाल रखना क्या भरोसा इस कदर बदलते मौसम का
Read Moreजब तक बड़े बुज़ुर्गों का डर रहता है तब तलक ही कोई घर घर रहता है पिता की डाँट को
Read Moreएक है चेहरा और कितने ही नकाब हैं अंदर से कुछ बाहर से कुछ जनाब हैं जुबान और करम में
Read Moreतुम्हारी आँखों में मैंने, मुहब्बत की रौशनी देखी दिखावे से भरी है महफिल, तुझमें सादगी देखी होठों पे प्यारी मुस्कान
Read Moreबड़ी मुश्किल में हूँ, इसका हल क्या होगा चिंता में डूबा सोचूँ, आख़िर कल क्या होगा इमारत ढह जायेगी, आ
Read Moreचेहरे को पढ़ लेते हैं, अंदर की नहीं जानते दरिया से वाकिफ हैं, समंदर की नहीं जानते करते हैं इबादत
Read Moreवाकिफ हो गया अपनी औकात से आदमी कितना घबराया है इस हालात से आदमी बादशाह-ए- कुदरत समझ बैठा था नादान
Read Moreअब तेरी रहनुमाई का मोहताज नहीं है तुमको मालूम है वो मजबूर आज नहीं है यूं लगता है जलाकर आया
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