धरती माँ है
खोद रहा है आदमी विकास के नाम पर कर रहा है धरती का सीना छलनी ! फिर भी चुपचाप सह
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Read Moreमैं चाहता हूँ इंसान ,इंसान बने छोड़ दे लड़ना – झगड़ना ईश्वर का वरदान बने l कोई भूखा भी ना
Read Moreकाश! मैं एक बच्चा होता अकल का जरा कच्चा होता मन का बहुत सच्चा होता न जाने कितना अच्छा होता
Read Moreदिले-नादां तुझे समझाऊं कैसे गमों के दौर में मुस्कुराऊं कैसे नगमा -ए-जिंदगी गाना है मुझे बिन साज़ मगर गुनगुनाऊं कैसे
Read Moreमैं अधीर हूँ शाँत करो अनंत प्रेम दो हृदय मे धरो स्वप्न मे तुम रहो जीवन मे तुम रहो मेरी
Read Moreराहें कठिन हैं किन्तु मुस्कुराता चल अपने दृढ संकल्प से काँटों को कुचल तारों को देखना है रातों को जाग
Read Moreगगनचुम्बी ईमारते संगमरमरी सड़कें आरामदायक वाहन बड़ी बड़ी सुरंगें वायुयान, ,जलयान विद्युत्, दूरभाष दूरदर्शन, कंप्यूटर से आरामदायक जीवन जीने की
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