कुछ हाइकु
१. खुश हो जाती वीडियो काल पर मां का दिल है। २. विधवा मां है संभालती घर को अकेले सारे।
Read Moreग्राम संवेदना के कथा शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की 100वीं जयन्ती मनाने के लिए गुरुवार(4मार्च2021) को भादर के कुरंग गाँव में
Read Moreकिसी को इस कदर न चाहो कि जान हो जाए कहीं न वो पत्थर का मकान हो जाए ।। यह
Read Moreअन्तर्द्वन्द्व विचारों के उठते-गिरते ज्वारभाटे मरती संवेदनाएं सिमटते रिश्ते बेचैनियां बदहवासियां वासनाएं वर्जनाएं पल प्रतिपल मन की तरंगे उनका प्रवाह
Read Moreपत्थरों पर सर पटक आंसू बहाना छोड दे मुफलिसी के दौर में अब मुस्कराना छोड दे ॥ तू समन्दर को
Read Moreपरि+ आवरण शब्दों की संधि करने पर पर्यावरण शब्द बनता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है जो परित: (चारों ओर) आवृत
Read Moreदिलों की धड़कनें अब भी तुम्हारा नाम लेती हैं तड़पने का तेरे ग़म में यही ईनाम देती हैं। अजब का
Read Moreवो पागल लड़की है जो मुझ पर मरती है बिन बोले आंखों से वह सब कुछ कहती है न जाने
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