दोहे होली पर
होली पर्व रंगों का, मन का मिटै मलाल। कोई रंग बरसाये, कोई मले गुलाल।। —अशर्फी लाल मिश्र
Read Moreहोली पर्व रंगों का, मन का मिटै मलाल। कोई रंग बरसाये, कोई मले गुलाल।। —अशर्फी लाल मिश्र
Read Moreलोकतंत्र है अग्रसर, राष्ट्रवाद की ओर। जातिवादी राजनीति, होय रही कमजोर।। –अशर्फी लाल मिश्र
Read Moreबेटा से अधिक करिये,बेटी पर विश्वास। ख्याल रखती है बेटी, दूर होय या पास।। —अशर्फी लाल मिश्र
Read More(भारतीय तिरंगा) यूक्रेन रूस युद्ध में,तिरंगा बना ढाल। हर कोई चिल्ला रहा,झंडा रोके काल।।1।। पाक छात्र यूक्रेन में,तिरंगा लिए साथ।
Read Moreउड़ जा पंछी उस देश, जहां न राग न द्वेष। जँह पर कोई नहि भेद,ऐसा है वह देश।।1।। शीतल मन्द
Read Moreउड़ जा पंछी अनंत पथ पर, छोड़ दे अपना नीड़। ऐसे उड़िये उड़ते जाओ, स्वयं बना लो
Read Moreआज यहां कल वहां है डेरा, कोउ नहिं जाने कहां सबेरा। कभी मातु की गोद, कभी किलकारी
Read Moreगौर वर्णा देख थी अपर्णा मन ,कुछ चंचल हुआ। भवन में अकेले सहधर्मिणी मन हर्षित हुआ। संकेत से प्रिया ने
Read More[शबरी की कुटिया में राम और लक्ष्मण] धवल वस्त्र में शोभित, श्वेत केश जिसकी शोभा। वाणी में कोयल शरमाये, चमक
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