व्यंग्य : थम के बरस ओ जरा जम के बरस
जब मौसम विज्ञान इतना अपडेट नहीं था तब बारिश भी इतनी चतुर सुजान नहीं थी और सुनिश्चित समय पर आरंभ
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Read Moreपिछले दिनों भोपाल में आयोजित एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में जाना हुआ काव्य पाठ व सम्मान के अतिरिक्त कालापीपल
Read Moreहमने भी सुनें लाखों अफसाने हैंहुस्न वालों के यहां हजारों दीवाने हैं ।हराम की कमाई में कोई सरचार्ज नहींईमान की
Read Moreफूल मज़े में है खार मज़े में हैझुठ्ठों का कारोबार मज़े में है। जिसे पहन कर भागे थे वहबाबा की
Read Moreयूं नजर मिलाकर फिर वो शर्माना आपका मुझे देख धीरे – धीरे से मुस्कुराना आपका । रौशनी बनकर आयी हो
Read Moreदेश की वरेण्य कवयित्री लखनऊ निवासी मोनिका जी की काव्य संग्रह जीजिविषा पढ़ने को मिली । इस काव्य संग्रह में
Read Moreकवि सम्मेलन यात्रा से मैं लौटकर रीवा पहुंचा ही था कि देश के तटस्थ रचनाकार कवि उपेन्द्र द्विवेदी जी का
Read Moreभगवान जी को हंसा कर बस लौटते ही होंगे हमारे राजू भैया। थोड़ी देर पहले जैसे ही मोबाइल डाटा ऑन
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