अहसान करके वो जताते रहे
अपना कह कर के वो मुझे आजमाते रहे, ज़ख्म वो देते गए और हम मुस्कुराते रहे! ख्वाब शीशे की तरह
Read Moreअपना कह कर के वो मुझे आजमाते रहे, ज़ख्म वो देते गए और हम मुस्कुराते रहे! ख्वाब शीशे की तरह
Read Moreकुछ टूटे, कुछ छूटे, ख्वाबों सी, जिंदगी अपनी हाई-वे के ढाबों सी! अब तो वही बुलंदी पर पहुंचते हैं, ज़हन
Read Moreचले थे साथ मगर कहाँ लाकर छोड़ दिए, मैं परिंदा खामोश बैठा था,तुम झिंझोड़ दिए। साथ तुम्हारे सब लगने लगा
Read Moreमनुष्य तन सौभाग्य से मिलता है और मनुष्य तन में धक्का परम सौभाग्य से मिलता है।जीवन जीने के लिए प्राणवायु
Read Moreदिन हो चाहे रात, तुम साथ रहना बिगड़े कोई बात, तुम साथ रहना! जिंदगी की डोर है अब तेरे ही
Read Moreबाहर से खुश हैं अंदर गमों का बाजार लेके चलते हैं लोग चेहरे पे चेहरे और दोहरे किरदार लेके चलते
Read Moreमैं जब भी गाँव जाता तो देखता कि रामदास की घरवाली गृहस्थी के काम में हर पल उलझी ही रहती!
Read Moreजी हाँ ! बिलकुल सही पढ़ा है आपने! खुद के द्वारा किए गए एक शोध से यह कहने में मुझे कोई
Read Moreभले मुझसे इजहार न कर इकरार न कर, पर ऐ सनम तुझे कसम है,तकरार न कर! मैं पहले से हूँ
Read Moreसाथ हो भी मगर तुम साथ नहीं हो पास हो भी मगर तुम पास नहीं हो! सबसे अपना कहती फिरती
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