गीतिका/ग़ज़ल बबीता अग्रवाल 01/06/201701/06/2017 ग़ज़ल औरो से ऊँचा खुद को बताया नहीं कभी नजरों से मैने खुद को गिराया नहीं कभी रोते रहे तनहाई में Read More
कविता बबीता अग्रवाल 19/05/201719/05/2017 कविता : बेटियाँ मैके की इज्जत कहलाती है बेटियाँ शान ससुराल की भी दर्शाती है बेटियाँ भाइयों को डाँट से बचाती है बेटियाँ Read More
गीतिका/ग़ज़ल बबीता अग्रवाल 19/05/201719/05/2017 ग़ज़ल रहे हाथ सर पर भवानी लिखेंगे जमाना कहे माँ दिवानी लिखेंगे तेरी याद दिल में बसाकर सनम अब निगाहों की Read More