स्वातन्त्र्य वीर सावरकर
नमन तुम्हें हे राष्ट्रपुरुष,शत कोटि निवेदित प्रणाम तुम्हें भारत के हे मानबिंदु, जीवन से ऊंचा सम्मान तुम्हें। आजादी के अग्रदूत
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Read Moreहिंदी की बिंदी लगे बिना, पूरा श्रृंगार नही होगा। बिन हिंदी के भारत कभी वैभवसम्पन्न नही होगा। अंग्रेजियत को दूर
Read Moreचांद के पार चलो, चांद के पार चलो, चलो – चलो अब चांद के पार चलो। चांदनी मचल रही, चांद
Read Moreहोली आई , होली आई , होली आई रे, रंग गुलाल सभी मिल खेलो, होली आई रे। अपनों को गले
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