“शीतल सी वह छाँव कहाँ है ” !!
चेहरे पर है हंसी छलकती , मूछों पर वह ताव कहाँ है !! है पचास को पार कर लिया ,
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Read Moreपल में अँखियाँ हँसी अगर तो , पल में अँखियाँ रोई !! दूर कहीं खोया है मन भी , पीर
Read Moreसरल सलिल सा है प्रवाह , ठहराव नहीं है !! टूट रहे हैं वयस बन्ध अब , रिश्तों की भरमार
Read Moreछिपा रही है चाँद सलोना , दुनिया की नज़रों से ! चेहरे पर मुस्कान जगाती , पर्दे की होशियारी
Read Moreबाँहें पकड़ी ना जाने दूं ! राहें रूठी ना माने तू ! दुनिया तेरी मेरी दुश्मन ; कहां चल
Read Moreकभी टेढ़ी , कभी सीधी , कभी मीठी है ज़िन्दगी ! बहे कलकल , अविरल , बड़ी निश्छल ज़िन्दगी
Read Moreहरियाली उपवन बसे , कानन हैं अकुलाय ! सूनापन काटे यहाँ , उर में आग समाय !! सन्नाटे को
Read Moreआंखों में काजल क्या डाला ,सम्मोहन जागा है ! तुमने खींचा कसी डोर से , दिखे न वो धागा
Read Moreकृषकों ने हड़ताल करी है , सबके सब आफत में !! सब्जी भाजी घूरे होगी , दूध ढुले सड़कों
Read Moreये कहो कि क्या हुआ , हम तुम थे साथ में ! खो गये सभी कहीं , कुछ भी ना
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