यशोदानंदन-५२
चाणूर और मुष्टिक के गतप्राण होने के उपरान्त कूट, शल और तोषल नामक भीमकाय राजमल्लों ने श्रीकृष्ण-बलराम पर एकसाथ आक्रमण
Read Moreचाणूर और मुष्टिक के गतप्राण होने के उपरान्त कूट, शल और तोषल नामक भीमकाय राजमल्लों ने श्रीकृष्ण-बलराम पर एकसाथ आक्रमण
Read More“हे नन्दलाल! हे श्रीकृष्ण-बलराम! तुम दोनों आदरणीय वीर हो। हमें महाराज द्वारा ज्ञात हुआ है कि तुम दोनों मल्ल-उद्ध में
Read Moreढोल-नगाड़ों की ध्वनि मथुरा नगर के बाहर भी पहुंच रही थी। स्नानादि प्रातःकर्मों से निवृत्त होने के पश्चात् श्रीकृष्ण तथा
Read Moreनेशनल कमीशन फॉर माइनारिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन जस्टिस एज़ाज़ सिद्दिकी ने कल, रविवार (१९.०४.२०१५) को आगरा के ग्रांड होटल
Read Moreश्रीकृष्ण अपने सभी बन्धु-बान्धवों और अनुचरों के साथ मथुरा आए थे। अपने साथ प्रचूर मात्रा में खाद्य-सामग्री भी लाना नहीं
Read Moreश्रीकृष्ण ने मुस्कुरा कर अपनी सहमति दे दी। सुदामा ने भांति-भांति के पुष्पों से दो अति सुन्दर मालायें बनाईं और
Read Moreश्रीकृष्ण, बलराम और मित्रों के साथ मंद स्मित बिखेरते हुए मंथर गति से राजपथ पर अग्रसर हो रहे थे। वे
Read Moreअतीत कि स्मृतियों को याद करते-करते रथ कब मथुरा के राजपथ पर दौड़ने लगा, कुछ पता ही नहीं चला। शीघ्र
Read Moreसूरज अपना गुण-धर्म कब भूलता है! प्राची के क्षितिज पर अरुणिमा ने अपनी उपस्थिति का आभास करा दिया। व्रज की
Read Moreमाता अपने ही दिये गए आश्वासन के जाल में उलझ गई थी। देर तक श्रीकृष्ण का मुखमंडल एकटक निहारती रहीं।
Read More