गीतिका/ग़ज़ल छाया शुक्ला 04/10/201504/10/2015 ग़ज़ल किस लिए आँसू बहाने हैं किसी के सामने, हर उदासी टूट जाती इक खुशी के सामने | चंद सिक्कों से Read More
गीतिका/ग़ज़ल छाया शुक्ला 23/09/2015 ग़ज़ल ये जीवन विधाता का उपहार है | ये माने वही जो समझदार है | बुलाती हैं गलियाँ मेरे देश की Read More