गीतिका/ग़ज़ल दौलतराम प्रजापति 06/05/2022 ग़ज़ल कोई है, जो कि देखे इधर आईना । घूमता है शहर दर शहर आईना ।। तेरे हर पल बदलते हुए Read More
गीतिका/ग़ज़ल दौलतराम प्रजापति 06/05/2022 ग़ज़ल ऊला पड़ा मिला कहीं सानी पड़ा मिला। ग़ज़लों में कुछ अरूज़ पर पानी पड़ा मिला।। उपमाओं से बलात कहीं कीमियागिरि Read More