एहसास
जिंदगी की सांसे रुक जाये | वक़्त की रफ़्तार में ठहराव आ जाये | अरमानों की बोरी फट जाये |
Read Moreएक दिन मैं और मेरे कुछ मित्र एक मंदिर क दर्शन करने गए| हम मंदिर में परवेश कर रहे, तो
Read Moreगरीबी की बस इतनी सी कहानी है | हाथ में दबे दो मुट्ठी चून की , मंदी सी आंच पे
Read Moreमैंने वक़्त को हालातो में बदलते देखा है | अपनों को गैरो में बदलते देखा है | बरसात में बंजर
Read Moreदेखती हूँ , अक्सर कुछ गरीबो को बहुत मेहनत करते हुए | फिर भी उनकी मेहनत का किसी पर
Read Moreआसान नहीं यहाँ बेटी बन पाना. खुद की इच्छाये दबाकर दुसरो को खुश रख पाना. जनम से ही भेदभाव के
Read Moreलिखती हूं आज फिर नारी के बारे में! इस सोये संसार की आत्मा को जगाना चाहूंगी! आज फिर मैं नारी
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