व्यंग्य – कुर्सी का कमाल
भारतीय लोकतंत्र काफी आगे बढ़ चुका है। कुर्सी प्रधान राजनीति में कुर्सी की खींचतान जारी है। कुर्सी का सपना देखना
Read Moreभारतीय लोकतंत्र काफी आगे बढ़ चुका है। कुर्सी प्रधान राजनीति में कुर्सी की खींचतान जारी है। कुर्सी का सपना देखना
Read Moreशिल्प, वास्तुकला, चित्रकला, काष्ठकला, मूर्तिकला और न जाने कितनी कलाओं के जनक भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का आर्किटेक्ट व देवशिल्पी
Read Moreआज दुनिया ‘शॉर्टकट के सिद्धांत’ पर चल रही है। दिनोंदिन व्यस्त होते लोगों को कतार में खड़े रहना पसंद नहीं
Read Moreराजस्थान के देवेंद्रराज सुथार को साहित्य के क्षेत्र में भागीदारी निभाने व हिन्दी साहित्य के विकास एवं प्रचार-प्रसार में अपना
Read Moreबेंजामिन फ्रैंकलिन का कथन है – बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता। समय का इंतजार इंसान तो कर सकता
Read Moreसर्दी का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। दिन भी ठंडा है और रात भी ठंडी है। इस ठिठुरन
Read More‘बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब कहां
Read Moreरे नरभक्षियों ! तुम्हारी वज़ह से आज फिर मानवता शर्मसार हुई तुम्हारी हैवानियत ने आज फिर एक माँ की कोख
Read Moreसमाज में जब भी कोई दुष्कर्म की लोमहर्षक घटना प्रकाश में आती है तो उसके लिए कठोर सजा के प्रावधान
Read Moreहाल ही में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में स्थित आईटीबीपी कैंप में एक जवान द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग से
Read More