शांतिप्रियों का शांति पाठ अब भारत में भी शुरू
शांतिप्रिय धर्म की जनसंख्या जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे ही शांति स्थापित होने का खतरा दुनिया पर मंडराता जा
Read Moreशांतिप्रिय धर्म की जनसंख्या जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे ही शांति स्थापित होने का खतरा दुनिया पर मंडराता जा
Read Moreहां पाला है सांपों को मैंने, दंश भी मैंने झैले हैं। मेरी ही छाती पर हरदम क्यों दुश्मन के मैले
Read Moreरात दिन राष्ट्रीय के विरोध में खड़े लोग देशभक्त नहीं हो सकते! वो राष्ट्रीय में पल रहे शत्रु हैं, जो
Read Moreपता नहीं क्यों तुमको सेना पर पत्थर मरने वाले भटके नौजवान लगते हैं. पता नहीं क्यों तुमको भारत तेरे टुकड़े
Read Moreमुझे तुमने देश की रक्षा का भार दिया है, मैं बन्दुक लिए सीमा पर खड़ा हूँ. कोई दुश्मन तुम्हारी ओर
Read Moreराष्ट्र को बलिदान की आवश्यकता है। मां भारती दिन पे दिन लजित हो रही है। प्रतिदिन इसके रखवालों को पत्थर
Read Moreसंकट सिर पर मंडरा रहा है और तुम कहते हो सब ठीक है। हमारी सेना जवाब देने के लिए हमेशा
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