गीतिका/ग़ज़ल धर्मेन्द्र गुप्त 03/07/2021 ग़ज़ल मौसम आया बरसाती दर्द है जागा बरसाती अबके बरस फिर याद आया तेरा वादा बरसाती यूँ भी कभी उगते हैं Read More