कविता दिनेश बारोठ 'दिनेश' 10/05/202510/05/2025 0 Comments सिंदूर का शौर्य कायर तेरी करतूतों का, दंड तो तुझे मिलेगा।अपनों को मरते देख ले, ऐसे ही तू मरेगा।।वर्ष आठ से पच्चीस तक, Read More
गीत/नवगीत दिनेश बारोठ 'दिनेश' 27/04/202427/04/2024 दो बात दो बात न कह पायातुमसे दूर जाते-जाते………. था पास मैं तुम्हारेपर पास ना पाया।था गर्दिशों में खूदऔर वक्त का सताया।।साहिल Read More