गीतिका/ग़ज़ल गौरव कुमार 'विंकल' 03/05/2015 ग़ज़ल नींद अपनी से दगा न कर रातभर तू जगा न कर वो बे-ईमान वाले हैं, हाँ बार बार उनसे मिला Read More