कविता हसारा दसुनि हिरिमुतुगाॅड 16/06/201616/06/2016 कविता : छूट गयी सजीवता अँधेरे में झलकती लाइट गाड़ियों की तार की केसरिया, लाल रंगों में, थक जाती है नज़र भी। कोलाहल-सा चारों ओर; Read More