बिक जाता है हर बार इंसान !!
कभी सपनों की खातिर तो, कभी अपनों की खातिर कभी पेट की खातिर तो, कभी लालच की खातिर बिक जाता
Read Moreकभी सपनों की खातिर तो, कभी अपनों की खातिर कभी पेट की खातिर तो, कभी लालच की खातिर बिक जाता
Read Moreशहीदों की चिताओं पे न फूल होंगे न होंगे मेले, न होगा कोई बाकी निशाँ वतन पे कुर्बानी देने वाला
Read Moreघर घर में खुशियाँ लाया मीठे मीठे पकवान और रंग बिरंगे तारे लाया क्रिसमस आया क्रिसमस आया गुब्बारे संग तितलियाँ
Read Moreआतंकी रावण , घुसपैठी रावण अन्दर भी रावण, बाहर भी रावण गाली भी देता, गोली भी देता रावण सेना में
Read Moreपूछती हैं गलियां पूछते हैं गाँव- चौबारा क्या आयेगा गाँधी दोबारा !! पूछती हैं नदियाँ पूछता है लोकतंत्र हमारा क्या आयेगा
Read Moreमै हल चलाता था मै बीज बोता था मैंने फसल उगाई पग पग जोह कर उम्मीद बनाई काले कोट के
Read Moreमेरे देश में भूखे रहने की तड़प इत्र की महक से ज्यादा खुशबूदार होती है भुखमरी में बासी रोटी भी
Read Moreवो दौड़ता रहा और आर्डर आर्डर मज़े लूटता रहा …… रंग भेद का भी अजीब खेल है गोरा हँसता
Read Moreफूलों से संसार सजता है संसार विचारों से महकता है विचारों से इंसान संवरते हैं इसानों से परिवार रौशन होते
Read Moreतेरे अश्कों में बह जाए हम ये दिल भी क्या चीज है एक मुस्कराहट पे बहक जाएं हम अगर तुम
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