गीतिका/ग़ज़ल लकी निमेष 03/06/2018 गाँव अगर जो गाँव को छोडूँ तो बस्ती रूठ जाती है अगर मैं शहर ना जाऊँ तरक्की रूठ जाती है मुहब्बत Read More
गीतिका/ग़ज़ल लकी निमेष 03/06/2018 ग़ज़ल हसरत है बस अब मैं तेरा नाम लिखूँ दीवारो पे दिल करता है खूँ से कुछ पैगाम लिखूँ दीवारो पे Read More