औरत के ख्वाब
यकीनन तेरे भी तो ख्वाब होंगे, तेरी उम्मीदें हिमालय से बड़ी होंगीं, कहीं ये रस्म-ओ-रिवाज अड़े होंगे, कहीं तेरी सामने
Read Moreयकीनन तेरे भी तो ख्वाब होंगे, तेरी उम्मीदें हिमालय से बड़ी होंगीं, कहीं ये रस्म-ओ-रिवाज अड़े होंगे, कहीं तेरी सामने
Read Moreइन आँखों को और ख्व़ाब मत दिखाओ, तल्ख ही सही इन्हें हकीकत तो बताओ । ये मुल्क अब चंद लोगो
Read Moreतुम गाते रहते हो गीत, बताते रहते हो आफताब मुझे, दर-हकीकत तुम्हारे लिए क्या हूँ, बस इतना दो जवाब मुझे।
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