कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 20/08/2016 वक्त वक्त तुझे रास ना आया मेरा मुस्कराना इठलानाजब भी मिला कोई मीततुझे आया दीवार बनानावक्त तुझे—————– मैं छुईमुई सा Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 14/08/2016 आजादी तोड़ पराधीनता की बेड़ी नयी सुबह का आगाज हुआ उन्मुक्त गगन में चहचहाये पंछीं जन – मन में उल्लास का Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मधु त्रिवेदी 11/07/201611/07/2016 गजल जिन्दगी भर को तुझे अपना बनाते हैं जिन्दगी की शाम को हर पल लुभाते हैं प्यार की राहें चलें मिल Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 11/07/201611/07/2016 खिड़की खटर – पटर करती वो खिडकी मेरे आँगन में जो खुलती कपाट उसके दोनों आपस में मिलते – कभी विलग Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 11/07/201611/07/2016 बचपन बचपन के दिन कितने मस्ताने थे आज जैसे फिकराने न थे मन चाहे जहाँ चले जाते खूब सबको खिझाते थे Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 10/06/201611/06/2016 कोलाहल शहर के कोलाहल से दूर घनी आबादी से हट केनीरवता के बीच रास्ता जो जाता हैमेरे गांव की ओरगुजरता हूँ Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 10/06/201610/06/2016 परदा परदा बडा आसानगाम्भीर्य भाव जहाँ देखो परदाशब्दों के हेर फेरमेंछल प्रपंच मेंपार्टी पाॅलिटिकल्स मेसब जगह परदालाज बचाने कासाधनमर्यादा का इज्जत Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 10/06/2016 दर्द दर्द जो वक्त ने दिया खुश हो कर मैने पी लिया सारा दर्द जो परायों ने दिया पानी सा समझ Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 14/05/201614/05/2016 तस्वीर टँगी है जो तस्वीर दीवार पर सालों से इस जगह उस पर धूल मिट्टी घर कर गयी है साफ कर Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 14/05/201614/05/2016 अन्तर्राष्टीय मजदूर दिवस मजदूरों के लिए भी क्या कुछ सोचेंगी सरकार शायद नहीं कभी नहीं बेचारी लाचार है क्योंकि इंसानियत का झरना सूख Read More