गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मधु त्रिवेदी 05/11/2015 गजल सफर में हर पल साथ है मेरां चाँदहर कदम पे संग संग है मेरा चाँद चाँद से ही गुलजार जहाँ Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 05/11/201505/11/2015 अतीत अतीत शब्द कह तूफान ला दियाउठती लहरों का सैलाव ला दियाकुछ पढ मन्द मुस्कराने लगी मैंकुछ पढ कर कोमा में Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मधु त्रिवेदी 05/11/201505/11/2015 प्रार्थना दवाओं में नहीं दुआओं में ही फलती है प्रार्थनादेवता नहीं यहाँ पत्थरों में ही फलती है प्रार्थना जमीन पर उतर Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 05/11/2015 इन्तजार इन्तजार इन्तजार ना जाने क्यूँमुझे एक अरसे से हैढूँढा भी मैंनें तुम्हें बार बारपर ना मिली तुममेरी चेतनाकहाँ जा छिप Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 23/10/2015 मन उपवन मन उपवन तेरा चंचल चित मेरा तन मन सागर सिन्धु नित अमिट मिट परछाई हृदय शीत । प्रणय निवेदन है Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 23/10/201523/10/2015 भिखारिन भिखारिन छुक छुक चलती रेल जैसे जीवन रेल चलती भिखारिन दीन दशा ऐसी कहती हो वैसी अब मैं आम से Read More
कविता डॉ. मधु त्रिवेदी 11/10/201511/10/2015 विधुर बाप विधुर बाप निर्बल ,असहाय बेचारा सा होता है है अगर छोटी -छोटी गुडिया तो किस्मत का मारा होता है है Read More