अंतरराष्ट्रीय दिवस पर प्रस्तुत “हाइकु”
करिए योग ऋषि संत निरोग करें तो जाने।।-1 सुंदर काया मुख मंडल तेज योग की माया।।-2 सुबह शाम आलस का
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Read Moreभोर हुई निकलो सजन, महके बगिया फूल। हाथ पाँव झटकार लो, आलस जाओ भूल।।-1 रात देर तक जागते, दिन भर
Read Moreकाफ़िया- आरों, रदीफ़- पर जी करता है लिख डालूँ कुछ नए बंद बीमारों पर जिसने जीवन दिया पिता बन उनके
Read Moreजनक नंदिनी सीता, चाहत चाह पिता की, जगत रक्षिणी न्यारी, वैदेही सुकुमारी। धन्य सु-अवतरण, मिथिला रजत कण, कुंभ हल धार
Read Moreचलते- चलते राह में, जब मिलती पहचान। देख अचानक प्रेम को, हो जाते हैरान॥ हो जाते हैरान, मौसमी आँधी उड़ती।
Read Moreछ्न्द – हंसगति ( २0 मात्रा ) शिल्प विधान — 11,9= 20 प्रथम चरण ११ मात्रा ,चरणान्त २१ से अनिवार्य
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