“गीतिका”
छंद- आनंदवर्धक (मापनीयुक्त) मापनी- 2122 2122 212 पदांत – लगी , समांत- आने , पदांत-लगी ऋतु बसंती रूठ कर जाने
Read Moreचक्रवात सा दिख रहा, घिरा हुआ इंसान शायद यह संकेत हो, कुदरत का अवमान कुदरत का अवमान, चित्र तरुवर उग
Read Moreकृपा करो हे नाथ, साथ मानव मिल जाए सरयू तट रघुनाथ, अयोध्या महल बनाए सीता जी का साथ, पवनसुत जहाँ
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