“सवैया गीत”
किरीट सवैया ” वर्णिक छंद । मापनी -211 211 211 211 211 211 211 211 भगण×8, भानस भानस भानस भानस
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Read Moreसमय समय की बात है शायद यही तो ऋतुओं की सौगात है। गर्मी जाड़ा और बरसात हमारे साथ साथ है
Read Moreराधा मधुबन तेरा आना, रोज रोज का नया बहाना बोल सखी कैसा याराना, बैरी मुरली राग बजाना।। बस कर अब
Read Moreजा री पाती प्रेम से, कहना दिल की बात कैसे गुजरा है दिवस, कैसे गुजरी रात कैसे गुजरी रात, प्रात
Read More“यादों के झरोखों से” समय आकर निकल जाता है और हम नए कलेवर में प्रतिदिन न जाने कितने रंगों मे
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