“गज़ल”
मापनी- 2122 2122 212….. बेरुखी को भी निभाना चाहिए हो सके तो पास जाना चाहिए क्या पता वो बिन पढ़ी
Read Moreझिनकू भैया की चौपाली चरचा में तरह तरह के विषय उठा करते हैं और जमकर चर्चा भी होती है, वक्ता
Read Moreपृथ्वी छंद, विधान-[ जगण सगण जगण सगण यगण+लघु गुरु] (121 112 12, 1 112 122 12) 17 वर्ण,यति 8,9 वर्णों
Read Moreजा रे बदरिया, सौतन घर जा जा रे सौतन घर जा रे, सौतन घर जा जा रे, जा रे बदरिया…….
Read Moreधान पान अरु केरा, ई तीनों पानी के चेरा, बहुत पुरानी एक देशज कहावत है। यूँ तो पानी ही जीवन
Read Moreशिल्प -मगण,भगण,सगण* (222, 211, 112), 9 वर्ण, 4 चरण, 2-2 समतुकांत बोलो बैठो मनुज कभी भैया भाभी महल सभी। आओ
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