“घंटी बजा दी, झिनकू भैया ने”
आज सुबह- सुबह मेरे प्रिय झिनकू भैया का गाँव से फ़ोन आया, स्क्रीन पर उनका नाम उभरा और मेरी बांछे
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Read Moreमाता नमन करूँ तुझे, कहलाऊँ मैं पूत पीड़ा प्रतिपल दे रहा, जैसे एक कपूत जैसे एक कपूत, रूप प्रति हर
Read Moreझिनकू भैया को गाँव में फोन किया, झुँझलाकर बोले भाई दो दिन बाद में बात करूँगा, अभी गेंहूँ काटने वाला
Read Moreकरती रही पिया पलक, देहरी इंतजार पी तेरे आगोश में, खुशियों की रसधार खुशियों की रसधार, मिलेगी मुझको जन्नत किया
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