गीतिका/ग़ज़ल डॉ. महेन्द्र अग्रवाल 01/04/202515/01/2025 0 Comments ग़ज़ल यूं तो रग रग में खुद्दारी हैलेकिन अपनी इच्छा भारी हैसच्चाई से क्या मतलब इसकाये सारी चर्चा अखबारी हैराजा राजा Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. महेन्द्र अग्रवाल 01/03/202515/01/2025 ग़ज़ल करने वाला करे बुरा सा कुछइक भरोसा तो है खुदा सा कुछढूंढ़ता हूं अभी उम्मीदे हैंअपने भीतर कहीं बचा सा Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. महेन्द्र अग्रवाल 01/02/202515/01/2025 ग़ज़ल जान अपनों से बचाई हैये अभी तक की कमाई हैमैं मुक़ाबिल हो नहीं सकताआपने तक़दीर पाई हैवो बड़े सर्जन किया Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. महेन्द्र अग्रवाल 15/01/202515/01/2025 ग़ज़ल ख़्वाब आए हैं चलो आमद हुईकामना रह-रह मेरी गदगद हुईमांग उट्ठी है बनेगा हाइवेयार हर उम्मीद अब बरगद हुईआपको अब Read More