लेख– असुविधाओं से भरे देश में प्रतिभा का कुंद होना स्तब्ध नहीं करता
एक शिक्षक, एक किताब, और एक बच्चा पूरी दुनिया को बदलने की क्षमता रखता है। बशर्ते अवसर की उपलब्धता हो।
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Read Moreगांधी परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी लोकतांत्रिक पार्टी का हस्तांतरण, और दिखावे का चुनावी मुलम्मा। क्या यही देश की राजनीतिक
Read Moreमानुषी छिल्लर ने प्रियंका चोपड़ा सुष्मिता सेन और रीता रीता फारिया जैसी गिनी-चुनी महिलाओं के बाद एक बार पुनः मिस
Read Moreलोकतंत्र की छांव में फ़िर चुनावी धुन बज चुकी है। इस चुनावी फ़ेरी में अंतर है, तो वह राज्य का।
Read Moreमध्य प्रदेश के लगभग 15 ज़िलों के 25 महाविद्यालयों में 162 आदिवासी छात्र प्रतिनिधियों ने जीत का परचम लहराया। जिसमें
Read Moreवर्तमान समय में पत्रकारिता अपने कर्तव्य, दायित्व और भूमिका से भटक चुकी है। पत्रकारिता की भूमिका संदेह के घेरे में
Read Moreराजनीति का स्याह पक्ष यहीं है, कि राजनीति अपनी बनी बनाई राह छोड़ नहीं पा रही। लोकतंत्र में राजतंत्र हावी
Read Moreदेश में अक्सर लिंगभेद बहस का विषय बनता है। लेकिन कुशल नीतियों का सृजन न होने से आज के परिदृश्य
Read Moreआंकड़े सिर्फ आहट की दस्तक़ नहीं देते, बल्कि सच्चाई से रूबरू कराते हैं। देश में लिंग-अनुपात के लगातार कम होने
Read Moreभारत में ग्रामीण क्षेत्रों में तीसरी कक्षा के सिर्फ 27. 6 फ़ीसद छात्र ही घटाना का सवाल हल कर पाते
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