Author: महेश तिवारी

सामाजिक

लेख– आधुनिकता की आड़ में बदलती गुरु शिष्य की परिभाषा

गुरुर ब्रह्मा गुरुर देवो महेश्वरा गुरुर साक्षात परब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः आज यह उक्ति हमारे शैक्षिक परिवेश में शिक्षकों

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सामाजिक

लेख– स्वतंत्रता और स्वछंदता के साथ पर्यावरण के प्रति दायित्वों का भी ख़्याल रहे

भारत परम्पराओं और त्योहारों का देश है। हमारी संस्कृति के परिचायक यहीं तीज-त्यौहार हैं। आज त्योहारों की आड़ में हुलड़बाजी

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सामाजिक

लेख– उच्च शिक्षा के बिगड़ते भविष्य को देखते हुए लागू हो पोर्टिबिलिटी सेवा

आज एक बड़ी घटना बाज़ार का हिस्सा बनती जा रहीं है। वह है, पोर्टिबिलिटी। मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी, बैंक पोर्टिबिलिटी। क्या

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