विचारों की प्रकृति
🌼..विचारों की प्रकृति..🌼 अनंत रूपी प्रकृति जब अठखेलियां लेती हुई बलखाती हुई प्रत्यक्ष होती है, तो वैराग्य मन कवि निः
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Read Moreये क्या हो रहा है आज मिला हमें कैसा यह ताज इंसानी पाश का खंडन कर जाती,धर्म,सम्प्रदाय में विखंडित कर
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