वेदों का सर्वव्यापक व सर्वशक्तिमान ईश्वर से उत्पन्न होना सत्य व प्रामाणित है
ओ३म् वेद संसार के सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। वेदों के बारे में हमें यह सत्य नहीं बताया जाता कि वेदों
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Read Moreओ३म् संसार में अनेक मत व सम्प्रदाय हैं जो ईश्वर की सत्ता को स्वीकार करते हैं परन्तु सब मतों की
Read Moreओ३म् हम मनुष्य होने से चिन्तन, मनन व विचार करने के साथ सद्ग्रन्थों का पता लगाकर उनका अध्ययन व स्वाध्याय
Read Moreओ३म् हम मनुष्य हैं। मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। सृष्टि में असंख्य प्राणी योनियां हैं जिसमें एकमात्र मनुष्य ही
Read Moreओ३म् स्वामी श्रद्धानन्द ऋषि दयानन्द के शिष्यों में एक प्रमुख शिष्य हैं जिनका जीवन एवं कार्य सभी आर्यजनों व देशवासियों
Read Moreओ३म् विश्व का धार्मिक जगत ऋषि दयानन्द का ऋणी है। उन्होंने विश्व को सद्धर्म का विचार दिया था। एस सद्धर्म
Read Moreओ३म् मनुष्य एक ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम प्राणी को कहते हैं। मनुष्य नाम मनुष्य के मननशील व सत्यासत्य का
Read Moreओ३म् मनुष्य संसार में आता है। उसकी माता उसकी प्रथम शिक्षक होती है। वह माता जो अच्छा व उचित समझती
Read Moreओ३म् वेद सृष्टि के प्राचीनतम ग्र्रन्थ हैं। वेदों के अध्ययन से ही मनुष्यों को धर्म व अधर्म का ज्ञान होता
Read Moreओ३म् संसार में तीन अनादि तथा नित्य पदार्थ हैं। यह पदार्थ हैं ईश्वर, जीवात्मा तथा प्रकृति। ईश्वर सत्य चित्त आनन्दस्वरूप
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