मनुष्यों के दो प्रमुख आवश्यक कर्तव्य सन्ध्या एवं देवयज्ञ अग्निहोत्र
ओ३म् मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसके पास विचार करने तथा सत्य व असत्य का निर्णय करने के लिए परमात्मा
Read Moreओ३म् मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसके पास विचार करने तथा सत्य व असत्य का निर्णय करने के लिए परमात्मा
Read Moreओ३म् संसार में बहुत कम मनुष्य ऐसे हैं जो अपने जीवन के उद्देश्य पर विचार करते हैं। यदि वह ऐसा
Read Moreओ३म् हमें ज्ञात है व ज्ञात होना चाहिये कि संसार में तीन अनादि व नित्य पदार्थों का अस्तित्व है। यह
Read Moreओ३म् हमारा यह संसार प्रकृति से बना है। प्रकृति की संसार में स्वतन्त्र सत्ता है। इस अनादि व कारण प्रकृति
Read Moreओ३म् हम मनुष्य इस कारण से हैं कि हम अपने मन व बुद्धि से चिन्तन व मनन कर सत्यासत्य का
Read Moreओ३म् हम कौन हैं? इस प्रश्न पर जब हम विचार करते हैं तो इसका उत्तर हमें वेद एवं वैदिक साहित्य
Read Moreओ३म् मनुष्य कोई भी काम करता है तो वह उसमें प्रायः अपनी हानि व लाभ को अवश्य देखता है। यदि
Read Moreओ३म् हम मनुष्य हैं। परमात्मा ने हमें जन्म दिया है और हमें संसार का ज्ञान कराने के लिये पांच ज्ञान
Read Moreओ३म् ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनादि, अनन्त, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय एवं
Read Moreओ३म् कोई भी विद्वान जिस विषय को अच्छी प्रकार जानता है, उसको लोगों को जनाने व उस ज्ञान व विद्या
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