Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर के सत्यस्वरूप और ज्ञान का प्रकाश सर्वप्रथम वेदों द्वारा किया गया

ओ३म् संसार की अधिकांश जनसंख्या ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करती है। बहुत बड़े–बड़े वैज्ञानिक भी किसी न किसी रूप

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मनुष्य जीवन की सार्थकता वेदाध्ययन एवं वेदानुकूल आचरण में है

ओ३म् हम मनुष्य है और अपनी बुद्धि व ज्ञान का उपयोग कर हम सत्य और असत्य का निर्णय करने में

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर का अस्तित्व सत्य सिद्ध है, वह सबका रक्षक एवं पालनकर्ता है

ओ३म् ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश के सातवें समुल्लास में वर्णित वचनों के आधार पर ईश्वर के अस्तित्व विषयक विचारों को

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सत्यनिष्ठा की मूर्ति एक असाधारण मनुष्य बाबा मुकुन्दा, लाहौर

ओ३म् एक साधारण मनुष्य भी सत्य को धारण कर महान कार्यों को करके यशस्वी बनने सहित समाज में मान-सम्मान पा

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

हरियाली तीज पर्व का महत्व और इसको मनाने की प्रासंगिकता

ओ३म् अनेक शताब्दियों से भारत मे महिलाओं द्वारा हरियाली तीज का पर्व को मनाने की परम्परा है। प्रत्येक श्रावण मास

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में अकाल तथा कोहाट के दंगों में आर्यसमाज द्वारा पीड़ितों की सेवा

ओ३म् ईश्वर, वेद और ऋषि दयानन्द भक्त महात्मा हंसराज जी और महात्मा आनन्द स्वामी जी का जीवन मानवजाति के उपकार

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वेदसम्मत गृहाश्रम का निर्वाह ही दम्पति के जीवन की सफलता है

ओ३म् युवक व युवतियों के वैदिक विधि से विवाह होने से पति व पत्नी गृहस्थी कहलाते हैं। विवाह के बाद

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आत्मा का जन्म, मृत्यु एवं पुनर्जन्म का सिद्धान्त सत्य सिद्धान्त है

ओ३म् मनुष्य एक चेतन प्राणी है। चेतन प्राणी होने से प्रत्येक मनुष्य व इतर प्राणियों के शरीर में एक जैसी

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

हरियाली तीज पर्व का महत्व और इसको मनाने की प्रासंगिकता

ओ३म् –आज 23 जुलाई को हरियाली तीज पर्व पर- अनेक शताब्दियों से भारत मे महिलाओं द्वारा हरियाली तीज का पर्व

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मालाबार में मोपला हिंसा में पीड़ितों की रक्षा का आर्यसमाज का प्रशंसनीय ऐतिहासिक कार्य

ओ३म् महात्मा हंसराज एवं महात्मा आनन्द स्वामी का धर्म रक्षा का उत्कृष्ट उदाहरण देश के इतिहास में सन् 1921 में

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