संसार में अनादि पदार्थ कौन-कौन से व कितने हैं?
ओ३म् हम संसार में सूर्य, चन्द्र, पृथिवी आदि अनेक लोकान्तर तथा पृथिवी पर अनेक पदार्थों को देखते हैं। हमें यह
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Read Moreओ३म् “पापों में वृद्धि का कारण ईश्वर द्वारा जीवों को प्राप्त स्वतन्त्रता का दुरुपयोग” संसार में मनुष्य पाप व पुण्य
Read Moreओ३म् विज्ञान एवं दर्शन का नियम है कि अभाव से भाव पदार्थ उत्पन्न नहीं होता और भाव पदार्थों का अभाव
Read Moreओ३म् मनुष्य को यह जन्म उसके पूर्वजन्मों के पाप–पुण्यरूपी कर्मों के आधार पर मिला है। वह इस जन्म में जो
Read Moreओ३म् हम अपने शरीर व संसार को देखते हैं तो विवेक बुद्धि से यह निश्चय होता है कि यह अपौरुषेय
Read Moreओ३म् हम मनुष्य हैं। हमारे पास मनन, चिन्तन, विचार, ध्यान व सत्यासत्य का निर्णय करने के बुद्धि है। इन साधनों
Read Moreओ३म् मनुष्य के अनेक कर्तव्य होते हैं। जो मनुष्य अपने सभी आवश्यक कर्तव्यों का पालन करता है वह समाज में
Read Moreओ३म् मनुष्य दुःख से घबराता है तथा सुख की प्राप्ति के लिये ही कर्मों में प्रवृत्त होता है। वह जो
Read Moreओ३म् वैदिक धर्म सत्य ज्ञान ‘चार-वेदों’ पर आधारित मानव धर्म है। वैदिक धर्म का आरम्भ ईश्वर से प्राप्त चार वेदों
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द वेदों के अपूर्व ऋषि थे। उनके जैसे ऋषि का इतिहास में वर्णन नहीं मिलता। सृष्टि के आरम्भ
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