Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

देश के सभी नागरिकों का चरित्र निर्माण किए बिना देशोन्नति होना सम्भव नहीं

देश में भौतिक उन्नति की बातें बहुत की जाती है और कुछ सीमा तक देश में भौतिक उन्नति हुई भी

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर की उपासना का महत्व जानें व इसका ज्ञानपूर्वक पालन करें

ओ३म् उपासना क्या है और इसे क्यों करना चाहिये? उपासना करने के क्या लाभ हैं? यह विषय उपेक्षणीय नहीं है।

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

अचल व शान्त आत्मा में परमात्मा समाहित व प्रकाशित रहता है

ओ३म् ईश्वर सृष्टिकर्ता है और वह जीवात्माओं को उनके कर्मानुसार भिन्न-भिन्न योनियों में जन्म देकर सुख व दुःख का भोग

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सभी वेद निन्दक व वेद विरोधी नास्तिक व असत-पथ-गामी हैं

ओ३म् मनुष्य की आत्मा एक अल्पज्ञ सत्ता है। मनुष्य को बिना पढ़े व सीखे ज्ञान व अज्ञान का भली प्रकार

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

दया को धारण करने से मनुष्य धर्मज्ञ, यशस्वी व सफल बनता है

ओ३म् मनुष्य जिन गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने से मनुष्य कहा जाता है उनमें से एक गुण दया

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वैदिक जीवन स्वस्थ व श्रेष्ठ जीवन का प्रेरक एवं संवाहक

ओ३म् संसार में सबसे प्राचीन धर्म व संस्कृति वेद वा वैदिक है। वेद ईश्वर का सृष्टि की आदि में दिया

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वेदधर्म की रक्षा मन्दिरों में साप्ताहिक सत्संगों तथा पूजा-पाठ मात्र करने से सम्भव नहीं

 ओ३म् वेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है और धर्म का आदि मूल है। महाभारत तक वेद फलता फूलता रहा। महाभारत युद्ध

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर की उपासना का महत्व जानें व इसका ज्ञानपूर्वक पालन करें

ओ३म् उपासना क्या है और इसे क्यों करना चाहिये? उपासना करने के क्या लाभ हैं? यह विषय उपेक्षणीय नहीं है।

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर प्रदत्त वेदज्ञान से ही विश्व को सभी विद्याओं का ज्ञान हुआ

ओ३म् संसार में समस्त ज्ञान व विद्यायें परा व अपरा के नाम से जानी जाती हैं। इस ज्ञान का आदि

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

“यदि अल्पज्ञ चेतन जीवों की सत्ता न होती तो ईश्वर सृष्टि न बनाता

ओ३म् वैदिक धर्मी आर्य जानते हैं कि संसार में तीन पदार्थ अनादि और नित्य हैं। अनादि का अर्थ है कि

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