Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

बलवान मनुष्य एवं संगठित समुदाय ही सुरक्षित रह सकते हैं

ओ३म् परमात्मा ने जीवात्माओं को स्त्री या पुरुष में से एक प्राणी बनाया है। हम सामाजिक प्राणी हैं। हम समाज

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सभी विद्वानों का कर्तव्य लोगों को श्रेष्ठ गुण सम्पन्न मनुष्य बनाना है

ओ३म् मनुष्यों की सन्तानें जन्म के समय व उसके बाद ज्ञान की दृष्टि से ज्ञानहीन होती हैं। उन बच्चों को

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मनुष्य के भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन विषयक वैदिक नियम व व्यवहार

ओ३म् दूसरे मनुष्य के हाथ से बना व पका तथा छुआ हुआ भोजन करने के विषय में हमारे देश के

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

हम ईश्वर की आज्ञा के पालन, सुख एवं वायु शुद्धि हेतु यज्ञ करते हैं

ओ३म् वेदों के मर्मज्ञ व विख्यात विद्वानों में अपूर्व ऋषि दयानन्द सरस्वती ने वेदों पर आधारित आर्य-हिन्दुओं के पांच कर्तव्यों

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर सर्वशक्तिमान है परन्तु वह सम्भव व असम्भव सब कुछ नहीं कर सकता

ओ३म् हमारा यह जगत ईश्वर के द्वारा रचा गया अथवा बनाया गया है। ईश्वर ने इस सृष्टि की रचना जीवों

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मराजनीति

वैदिक राजधर्म व्यवस्था एवं देश के अध्यक्ष राजा के उत्तम गुण व आचरण

ओ३म् वेद संसार के सबसे पुराने धर्म ग्रन्थ हैं। वेद के विषय में ऋषि दयानन्द के विचार हैं कि वेद

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

कृष-काय पंडित आर्यमुनि जी का एक युवक से मल्लयुद्ध एवं उनका नाभा शास्त्रार्थ

पण्डित आर्यमुनि जी वेदों के उच्च कोटि के विद्वान थे। आपने वेद, दर्शन, मनुस्मृति, रामायण तथा महाभारत आदि ग्रन्थों पर

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सन् 1909 में पटियाला राजद्रोह केस में अंग्रेज सरकार का आर्यसमाज व इसके अनुयायियों पर अत्याचार

पराधीनता के युग में अंग्रेज सरकार ने आर्यसमाज के प्रति कू्ररता का परिचय दिया था। इसके सदस्यों को अकारण परेशान

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

यज्ञ द्वारा जीवन की सफलता शुद्ध सामग्री एवं व्यवहार से ही सम्भव

ओ३म् वैदिक धर्म ही एक मात्र ऐसा धर्म है जिसके पास परमात्मा का सृष्टि के आरम्भ में दिया हुआ वेद

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त सत्य नियमों पर आधारित यथार्थ दर्शन है

ओ३म् वैदिक धर्म सृष्टि का सबसे पुराना धर्म है। यह धर्म न केवल इस सृष्टि के आरम्भ से प्रचलित हुआ

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