ऐसा लगता लाल किला मर्दानी भाषा बोल गया” (लालकिला भाग-2)
ओ३म् –राष्ट्रकवि एवं ऋषिभक्त डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी की नई पद्य रचना- डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी जी निष्ठावान आर्यसमाजी एवं
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Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द महाभारत के बाद विलुप्त वेदों के पुनरुद्धारक एवं प्रचारक होने सहित सच्ची आध्यात्मिकता का जन-सामान्य को दिग्दर्शन
Read Moreओ३म् पं. पद्मसिंह शर्मा आर्यसमाज के प्रतिष्ठित विद्वान, सुप्रसिद्ध लेखक, समालोचक, अनेक पत्रों के सम्पादक, संस्कृत के आचार्य एवं कई
Read Moreओ३म् आर्य शब्द का सबसे पहले उल्लेख व प्रयोग वेदों में हुआ है। आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठ गुण, कर्म
Read Moreओ३म् प्रत्येक मनुष्य को यह ज्ञात होना चाहिये कि जिस संसार में हम रहते हैं, यह जड् जगत अस्तित्व में
Read Moreअध्यात्म विज्ञान में उपासना का महत्व सर्वोपरि हैं। उपासना पास बैठने को कहते हैं। किसके पास बैठना है, इसका उत्तर
Read Moreहम अर्थात् हमारी आत्मा हमारे शरीर में रहती है और हम व हमारा शरीर दोनों इस संसार में रहते हैं।
Read Moreआर्यसमाज के उच्च कोटि के विद्वान पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय जी (1881-1968) ने एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है ‘इस्लाम
Read Moreमनुष्य जीवन हमें परमात्मा से पूर्वजन्म के प्रारब्ध को भोगने व नये कर्म कर दुःखों से मुक्ति प्राप्त करने के
Read Moreओस्वामी वेदानन्द (दयानन्द) तीर्थ जी ने ‘हम संस्कृत भाषा क्यों पढ़ें?’ शीषर्क से एक पुस्तक लिखी है। इसका प्रकाशन ‘विरजानन्द
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