Author: *मनमोहन कुमार आर्य

कविता

ऐसा लगता लाल किला मर्दानी भाषा बोल गया” (लालकिला भाग-2)

ओ३म् –राष्ट्रकवि एवं ऋषिभक्त डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी की नई पद्य रचना- डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी जी निष्ठावान आर्यसमाजी एवं

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ऋषि दयानन्द के गृहत्याग से उनके परिजनों को क्लेश पर विचार

ओ३म् ऋषि दयानन्द महाभारत के बाद विलुप्त वेदों के पुनरुद्धारक एवं प्रचारक होने सहित सच्ची आध्यात्मिकता का जन-सामान्य को दिग्दर्शन

Read More
सामाजिक

आर्यसमाज के सम्पर्क से पं. पद्मसिंह शर्मा संस्कृत के विद्वान, आचार्य एवं अनेक पत्रों के सम्पादक बने

ओ३म् पं. पद्मसिंह शर्मा आर्यसमाज के प्रतिष्ठित विद्वान, सुप्रसिद्ध लेखक, समालोचक, अनेक पत्रों के सम्पादक, संस्कृत के आचार्य एवं कई

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

क्यों हम आर्य व वेदानुयायी बने और दूसरों को बनाना चाहते हैं?

ओ३म् आर्य शब्द का सबसे पहले उल्लेख व प्रयोग वेदों में हुआ है। आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठ गुण, कर्म

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

उपासना किसकी, क्यों व कैसे करें?

अध्यात्म विज्ञान में उपासना का महत्व सर्वोपरि हैं। उपासना पास बैठने को कहते हैं। किसके पास बैठना है, इसका उत्तर

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आर्यसमाज और विज्ञान पर आर्य मनीषी पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय जी के उपयोगी विचार

आर्यसमाज के उच्च कोटि के विद्वान पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय जी (1881-1968) ने एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है ‘इस्लाम

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

जीवन की सफलता का आधार ज्ञान व पुरुषार्थ

मनुष्य जीवन हमें परमात्मा से पूर्वजन्म के प्रारब्ध को भोगने व नये कर्म कर दुःखों से मुक्ति प्राप्त करने के

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

संस्कृत अर्थ-साधक भी है

ओस्वामी वेदानन्द (दयानन्द) तीर्थ जी ने ‘हम संस्कृत भाषा क्यों पढ़ें?’ शीषर्क से एक पुस्तक लिखी है। इसका प्रकाशन ‘विरजानन्द

Read More