Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

क्या व्यवहार में हम ईश्वर को अपने सभी कर्मों का साक्षी मानते व बुरे कर्मों से डरते हैं?

ओ३म् हम यह लेख लिख रहे हैं इसलिये कि हमारे मन में यह विचार आया है। हमने अपने जीवन में

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

हम सभी जीवात्माओं को कुछ समय बाद अपने शरीर व सगे सम्बन्धियों को छोड़कर परलोक जाना है

ओ३म् हम संसार में जीवन व मृत्यु का नियम संचालित होता देखते हैं। प्रतिदिन यत्र-तत्र कुछ परिचित व अपरिचित लोगों

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

हम अपने बच्चों को अभद्रता नहीं परोस सकते : डॉ. विनोद शर्मा

ओ३म् –वैदिक साधन आश्रम तपोवन द्वारा संचालित ‘तपोवन विद्या निकेतन’ का वार्षिकोत्सव– वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून का पांच दिवसीय

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

दान वहां देना चाहिये जहां चेतन प्राणियों की सेवा होती है : आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ

ओ३म् वैदिक साधन आश्रम, तपोवन-देहरादून के शरदुत्सव के चौथे दिन का प्रातःकालीन आयोजन प्रातः 5.00 बजे से योगासन एवं ध्यान

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ऋषिभक्त विद्वान मधुवर्षी प्रभावशाली कवि-हृदय भजनोपदेशक श्री नरेश दत्त आर्य

ओ३म् आर्यसमाज में वेद ज्ञान पर आधारित अमृत वर्षा करने वाले अनेक भजनोपदेशक हैं, पंडित नरेशदत्त आर्य उनमें एक विशिष्ट

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

क्या हमारा वर्तमान का जन्म पिछले जन्म का पुनर्जन्म नहीं है?

ओ३म् वेद और वैदिक परम्परा में ईश्वर व जीवात्मा को सनातन, अजन्मा, अमर, अविनाशी, जन्म व मरण के बन्धन में

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आध्यात्मिकता रहित भौतिक सुखों से युक्त जीवन अधूरा व हानिकारक है

ओ३म् मनुष्य मननशील प्राणी है। मनुष्य अन्नादि से बना भौतिक शरीर मात्र नहीं है अपितु इसमें एक अनादि, नित्य, अविनाशी,

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वेदमार्ग ही मनुष्य को ईश्वर, जीवात्मा व संसार का ज्ञान कराकर मोक्ष में प्रवृत्त कराता है

ओ३म् संसार में मुख्यतः दो प्रकार की जीवन शैली एवं संस्कृतियां हैं। एक त्याग की ओर प्रवृत्त करती हैं तो

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